Computer Memory

कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory:-)

Computer Memory
Computer Memory

कंप्यूटर में डेटा एवं निर्देशों को स्थाई एवं अस्थाई रूप से भंडारण करने का क्षेत्र मेमोरी कहलाता हैं ! मेमोरी कम्प्यूटर का बुनियादी घटक है। यह कम्प्यूटर का आंतरिक भंडारण (Internal storage) का क्षेत्र है। केन्द्रीय प्रोसेसिंग इकाई (CPU) को प्रोसेस करने के लिए इनपुट डाटा एवं निर्देश (Instruction) चाहिए, जो कि मेमोरी में संग्रहित रहता है। मेमोरी में ही संग्रहित डेटा तथा निर्देश का प्रोसेस होता है, तथा आउटपुट प्राप्त होता है। अतः मेमोरी कम्प्यूटर का एक आवश्यक अंग हैं।

डेटा प्रतिनिधित्व (Data Representation:-)

मेमोरी बहुत सारे सेल में बँटे होते हैं जिन्हें लोकेशन (Location) कहा जाता हैं हर लोकेशन का एक अलग लेवल होता है उसे एड्रेस (Address) कहते हैं सेल का प्रयोग डेटा और निर्देश के संग्रह के लिए किया जाता है। सारे डेटा और निर्देश कम्प्यूटर में बाइनरी कोड के रूप में रहते हैं जिसे 0 तथा 1 के रूप में निरूपित किया जाता है। कंप्यूटर में 1 सर्किट के ‘ऑन’ (ON) स्थिति को दर्शाता है तथा 0 सर्किट के ‘ऑफ’ (OFF) की स्थिति को दर्शाता है। लोकेशन में डेटा संग्रह करने को लिखना (Write) तथा लोकेशन से डेटा प्राप्त करने को पढ़ना (Read) कहते हैं। प्रत्येक लोकेशन में निश्चित बिट स्टोर की जा सकती है जिसे वर्ड लेंग्थ (Word length) कहते हैं। Word Length 8,16, 32 या 64 बिट की हो सकती है। बिट बाइनरी डिजिट का सबसे छोटी इकाई है। बाइट डेटा की एक इकाई है जो कि EBCDIC (External Binary Coded Decimal Intercharge Code) में आठ तथा ASCII (American Standard Code for Information Intercharge) में सात बिट्स के समूह हैं। )

कंप्यूटर में मेमोरी मुख्यत: दो प्रकार की होती है

Types of Memory:-

1) प्राथमिक मेमोरी, मुख्य मेमोरी(Primary Memory(Main Memory)

2) द्वितीयक या सहायक मेमोरी(Secondray or Auxiliary Memory)

Primary Memory

प्राथमिक मेमोरी या मुख्य मेमोरी दो प्रकार की होती है:-

i) RAM

ii) ROM

1. रैम (RAM)(Random Access Memory)

कम्प्यूटर में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली यह अस्थायी मेमोरी है। यह (Volatile) मेमोरी है, अर्थात् विद्युत सप्लाई बंद हो जाने से इसमें संग्रहित सूचनाएं नष्ट हो जाती है जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है, रैण्डम एक्सेस मेमोरी मतलब कि कहीं से भी डेटा को पढ़ा जा सकता है उसके लिए क्रमबद्ध पढ़ना आवश्यक नहीं है। इससे डेटा को पढ़ना तथा लिखना तीव्र गति से होता है।

Computer Memory

रैम मुख्यतः दो प्रकार के होती हैं:-

Two Types Of RAM

RAM किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए अस्थाई रूप से डेटा को संग्रहित करती है !

i)डायनैमिक रैम(Dynamic RAM:-)

इसके डेटा और निर्देशों को बार-बार रिफ्रेश (Refresh) करना पड़ता है !

ii) स्टैटिक रैम(Static RAM:-)

इसके डाटा और निर्देशों को रिफ्रेश करने की आवश्यकता नहीं होती है। प्राथमिक मेमोरी को मुख्य मेमोरी के नाम से भी जाना जाता है इसके डेटा और निर्देशों का CPU द्वारा तेजी से तथा प्रत्यक्ष उपयोग होता है। कंप्यूटर में समय को भी स्टैटिक रैम में स्टोर किया जाता है !

2. रॉम (ROM)(Read Only Memory)

यह कंप्यूटर एक ऐसी मेमोरी है जिसमे संग्रहित डेटा या निर्देश को केवल पढ़ा जा सकता है, उसे मिटाया या उसमे कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। यह एक स्थायी (Non-volatile) मेमोरी होती है जिसका उपयोग कम्प्यूटर में डेटा को स्थायी रूप से रखने में किया जाता है। (ROM) मदरबोर्ड के ऊपर स्थित एक सिलिकॉन चिप (Silicon Chip) है जिसके निर्माण के समय ही निर्देशों को इसमें संग्रहीत कर दिया जाता है। कम्प्यूटर को स्विच ऑन (On) करने पर रॉम (ROM) में संग्रहित निर्देश / प्रोग्राम स्वतः क्रियान्वित हो जाता है। कम्प्यूटर को स्विच ऑफ (Off) करने के बाद भी रॉम (ROM) में संग्रहित निर्देश / प्रोग्राम नष्ट नहीं होता है। (ROM) में उपस्थित स्थाई प्रोग्राम (BIOS Basic Input Output System) के नाम से जाने जाते है।

रोम सामान्यता तीन प्रकार की होती है:-

Types of ROM:-

i)प्रॉम(PROM) Programmable Read Only Memory

यह भी स्थायी होती है यूजर द्वारा (User) एक बार प्रोग्राम निर्देश संग्रहित करके इसमें को परिवर्तन नहीं किया जाता है !

ii) ई-प्रॉम(E-PROM) Erasable Programmable Read only Memory)

यह भी प्रॉम की तरह स्थायी मेमोरी है। परन्तु इसे बर्निंग की प्रक्रिया (Burning Process) तथा पराबैंगनी किरणों की सहायता से परिवर्तन किया जा सकता है। इसको (Ultravoilet E-PROM) भी कहते हैं।

iii) ई-ई-प्रॉम(E-E-PROM-Electrically Erasable Programmable Read only Memory)

यह भी ई-प्रॉम की तरह स्थायी मेमोरी है, परन्तु इसमें बर्निंग प्रक्रिया द्वारा विद्युत पल्स की सहायता से परिवर्तन किया जा सकता है !

द्वितीयक मेमोरी Secondary Memory

इसे सहायक (Auxiliary) तथा सेकेंडरी मेमोरी भी कहते हैं। क्योंकि मुख्य मेमोरी अस्थाई (Volatile) तथा सीमित होती है, इसलिए द्वितीयक मेमोरी को अधिक मात्रा में स्थायी (non-volatile) डेटा मेमोरी के रूप में प्रयोग किया जाता है, ज्यादातर इसका उपयोग डेटा बैकअप के लिए किया जाता है। केन्द्रीय प्रोसेसिंग इकाई (CPU) को वर्तमान में जिस डेटा की आवश्यकता नहीं होती है उसे द्वितीयक मेमोरी में संग्रह किया जाता है तथा जरूरत पड़ने पर इसे मुख्य मेमोरी में कॉपी कर उपयोग किया जाता है। आजकल उपयोग होने मैग्नेटिक डिस्क इसके मुख्य उदाहरण हैं।

Magnetic Tape

Magnetic tape एक Storage Device हैं, जिसमें एक पतला फीता होता हैं जिस पर Magnetic Ink की Coading की जाती हैं इसका प्रयोग Analog तथा Digital Data डेटा को Store संग्रहित करने के लिए किया जाता हैं | यह पुराने समय के Audio कैसिट की तरह दिखता हैं !

Magnetic Disk

मैग्नेटिक डिस्क एक स्टोरेज डिवाइस है जो डेटा को Write, Rewrite और Access करने के लिए मैग्नेटाइजेशन प्रक्रिया का प्रयोग करता है ! इसके उदाहरण हार्ड डिस्क, जिप डिस्क और फ्लॉपी डिस्क चुंबकीय डिस्क के आदि हैं।

हार्ड डिस्क (Hard Disk)

Hard Disk या HDD यह एक भौतिक Physical disk होती है जिसको हम अपने computer की सभी छोटी बड़ी files store करने के लिये प्रयोग में लाते हैं ! Hard disk के अन्‍दर एक disk गतिमान रहती है जितनी तेज उसकी disk घुमती है उतनी ज्‍यादा तेजी से ये Data को store तथा read कर सकती है। Hard disk के घुमने की गति को हम RPM (Revolutions Per Minute) से मापा जाता है !

फ्लॉपी डिस्क(FDD)

यह प्लास्टिक द्वारा बनाई गई होती है यह बहुत लचीली प्लास्टिक से बनी होती है !

Optical Disk

Optical Disk यह वृत्ताकार डिस्क होता है, जिस पर डाटा एक Flat सतह के अन्दर Pits के रूप में Store किया जाता हैं इसमें डाटा को Optical के द्वारा Store किया जाता है !

Types of Optical Disk

i)CD को काम्‍पैक्‍ट डिस्‍क के नाम से भी जाना जाता हैं यह हमारे डिजिटल डेटा का संग्रहित करता है। CD में डेटा डॉट के फार्म में होता है, दरअसल CD ड्राइव में लगा हुआ लेजर सेंसर सीडी के डॉट से रिफलेक्‍ट लाइट को पढ़ता है और हमारी डिवाइस में इमेज का निर्माण करता है।

ii) DVD:- डीवीडी का अर्थ डिजिटल वर्सटाइल डिस्‍क, सीडी CD के बाद डीवीडी का उद्भव हुआ वैसे तो देखने में दोनों सीडी और डीवीडी दोनों एक ही जैसे लगते है मगर इनकी डेटा Capacity में अंतर होता है DVD में ज्‍यादा डेटा सेव किया जा सकता है।

iii) Blu-Ray Disk (BD या ब्लू-रे एक Optical Disk है जिसका प्रयोग भी डाटा को स्टोर रखने के लिए किया जाता है | ब्लू-रे सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस की श्रेणी में आता है !

Flash Drive

Flash Drive में एक छोटा Pried Circuit Board होता है जो प्लास्टिक तथा धातु के Cover से ढका हुआ होता हैं यह बहुत मजबूत होता है ! यह Plug-and-Play उपकरण है !

Pen Drive को Flash Drive भी कहा जाता है आज सबसे ज्यादा Flash Drive का प्रयोग डाटा Store करने के लिए किया जाता है यह एक External Device है जिसको Computer में अलग से Use किया जाता हैं | यह आकार में बहुत छोटे होते है !

Memory Card

मेमोरी कार्ड छोटा स्टोरेज माध्यम माना जाता है जिसका उपयोग आमतौर पर सूचनाओं निर्देशों को संग्रहीत करने के लिए होता है। मेमोरी कार्ड एक प्रकार का स्टोरेज मीडिया है जो अक्सर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में फोटो, वीडियो या अन्य डेटा स्टोर करने में प्रयोग होता है !

Registers

Register का प्रयोग CPU (Central Processing Unit) के द्वारा बहुत सारे operations या कार्य को करने के लिए किया जाता है। जब कोई इनपुट system को दी जाती है तो ये दिए गए निर्देश या इनपुट registers में store हो जाते है और system के प्रोसेसिंग के बाद जो आउटपुट मिलता है वो भी registers से ही प्राप्त होता है। इसलिए registers का प्रयोग CPU (केंद्रीय संसाधन इकाई के) द्वारा data सूचना को process करने के लिए किया जाता है !

कैश मेमोरी (Cache Memory)

यह CPU तथा मुख्य मेमोरी के बीच का भाग है जिसका उपयोग बार-बार प्रयोग में आने वाले डेटा और निर्देशों को संग्रहित करने में किया जाता है। जिस कारण मुख्य मेमोरी (Main Memory) तथा प्रोसेसर (Processor) के बीच गति अवरोध दूर होते हैं क्योंकि मेमोरी से डेटा सूचनाओं पढ़ने की गति CPU के प्रोसेस करने की गति से अधिक धीमी होती है !

वर्चुअल मेमोरी(Virtual Memory)

वर्चुअल यानि काल्पनिक मेमोरी अर्थात वर्चुअल मेमोरी वास्तव में कोई Physical Memory (RAM) नहीं है बल्कि यह एक ऐसी मेमोरी है जिसमे Secondary Memory के कुछ Space को Main Memory की तरह उपयोग में लाया जाती है जो कंप्यूटर की Main Memory (RAM) के साथ सहायक के रूप में कार्य करता है। वर्चुअल मेमोरी का कांसेप्ट ऑपरेटिंग सिस्टम में होता है और इसी के द्वारा मैनेज किया जाता है !

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